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हीरो का हार-08-Aug-2024

प्रतियोगिता हेतु 
दिनांक: 08/08/2024 
हीरो का हार  (स्वैच्छिक)

साजन आओ केवल तुम, 
नहीं चाहती हीरो का हार।
मन में मेरे बस जाओ तुम,
चाहती सिर्फ तुम्हारा प्यार।

तुम ही मेरे रात दिन ,
तुम हो मेरे दिल के चैन।
आंखों में बस जाओ पिया,
तुम ही मेरे हंसते नैन।

हीरो का हार नहीं उपयोगी, 
जब तुम संग नहीं मेरे।
आओ बैठो पास यहां पर,
अंखियों में बसे हो तुम ही मेरे।

तुम बिन जीना कठिन प्रिय,
कुछ कर पाना अब कठिन प्रिय।
मन मस्तिष्क में समा चुके हो
दूर जाना अब कठिन प्रिय।।

शाहाना परवीन 'शान'...✍️ 
मुजफ्फरनगर 




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2 Comments

Arti khamborkar

21-Sep-2024 09:23 AM

amazing

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madhura

08-Aug-2024 09:44 PM

V nice

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